Rishabh pant biography/wife/family/age/networth/career… ऋषभ पंत की बायोग्राफी
आज की जो संघर्ष भरी जीवन कहानी (Rishabh Pant life story) ऐसे शक्श जो बेहद कम उम्र में ही अपने देश के गौरव को बढ़ाने में जुट गया एक ऐसा क्रिकेटर जिसने दुनिया में दिखा दिया की सच्ची लग्न से अगर कोई कार्य करे तो उम्र या किसी और चीज का कोई प्रभाव आपके कार्य पर नहीं पड़ता है तो आइये जानते हैं इनके कुछ अनसुने किस्से और मेहनत भरे भूतपूर्व जीवन के बारे में
I-मैं- Rishabh Pant | Rishabh Pant life story
बचपन से जब क्रिकेट खेलना शुरू किया तो मेरे पापा क्रिकेट खेलने के बड़े ही शौक़ीन थे और उनका सपना था की मैं भी बड़ा होकर एक क्रिकेटर ही बनु तो जब मैं पहली कक्षा में था तो मैंने तभी से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था जब भी कोई मैच होता था तो पापा मुझे अपने साथ लेकर जाते थे तो ऐसे मेरे क्रिकेट का सफर आरंम्भ हुआ था
मैं रूरकी, उत्तराखंड का रहने वाला था तो उस समय वंहा कोई क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र नहीं था और मैं लोकल टूर्नामेंट खेलता रहता था तो एक टूर्नामेंट में मैंने 115 रन बनाये थे 5 मैचों में और उसके लिए मुझे मैन ऑफ़ द सीरीज भी मिला था फिर धीरे धीरे नाम होने लग गया स्कूल में और स्कूल में अभ्यास करता रहता था
पर उस समय मैंने कभी नहीं यह कभी नहीं सोचा था कि क्रिकेट में ही अपना करियर बनाना है पर मेरे पिता जी का यही था कि नहीं इसको क्रिकेट ही खेलना है तो ऐसे ही एक दिन किसी ने मुझे कहा कि तुम्हे दिल्ली जाना चाहिए एक अच्छे प्रशिक्ष्ण के लिए, तो यंहा से फिर मेरी दिल्ली की यात्रा शुरू हुई
संघर्ष भरे सफर की शुरुआत
सुबह रोडवेज बस चलती थी 2 से 2:30 बजे तो बस पकड़ता था SONNET Cricket Academy के कोच को कहता था की दिल्ली में ही और सीधा ग्राउंड चला जाता था और उस समय हाईवे भी नहीं बना था तो कम से कम 6 घंटे आने जाने में ही लग जाते थे और जब भी दिल्ली आता था तो मेरा कोई पक्का नहीं होता था कंही ठहरने का बस कभी कंही तो कभी कंही तो कई बार मैं गुरद्वारा रुक जाता था अकेले ही
और वंही पास में एक वीडियो गेम पारलर होता था तो मैं रात को वंहा 2-3 घंटे गेम खेलता रहता था फिर पारलर वाले से अच्छी पहचान ही गयी थी क्यूंकि आना जाना लगातार जो हो गया था तो जब भी आता था शनिवार और रविवार को दिल्ली तो पारलर में ही सो जाता था किसी चेयर वगेरा में और उधर से ही सुबह हाथ मुँह धोकर सीधा ग्राउंड चला जाता था
और फिर पापा और मम्मी मुझे अकेले नहीं आने देते थे कहते थे कि नहीं कोई न कोई तो जाएगा इसके साथ तो मेरे मम्मी मेरे साथ आया करते थे और मेरे मम्मी गरिमत है कि उन्होंने सारा दिन ग्राउंड में बैठ कर करना भी क्या तो वो गुरुद्वारा चली जाती थी कुछ सेवा करने और उनका कहना था कि वंहा सेवा करने से आशीर्वाद मिलता है
दिल्ली जब आया था तो मेरे सर थे तारक सिन्हा उन्हीने मुझे सिखाया कि कैसे सही से खुद को किसी खेल में पूरी तरह ढालते है मतलब मुझे जो छोटी छोटी और बेसिक चीज़े थी जो एक लम्बे सफर को तय करने के लिए जरूरी होती है वो साड़ी मुझे उन्होंने ही सिखाई और जो मैंने लोकल मैचेस खेले थे उन्होंने मेरी काफी मदद की खेल में और ज्यादा मजबूत होने के लिए
मेरे Inspiration, Adam Gilchrist थे मैं सिर्फ उनकी ही तरह बनना चाहता था वो भी एक विकेटकीपर, बैट्समैन लेफ्टी ओपनर है और मैं भी तो काफी समानताएं मुझे लगती थी और मेरा मानना यही है कि जंहा भी खेलो बस अपनी परफॉरमेंस अच्छी दो वही एहम होता है
बुरा वक़्त बना देता है सबको सख्त
2017 IPL के दौरान मेरे पापा का निधन हो गया था तो सभी खिलाड़ी दोस्तों ने सलाह दी कि तुम ब्रेक ले लो किन्तु मुझे पापा का सपना भी तो पूरा करना था तो मैंने निर्णय लिया कि मुझे खेलना ही है औरजब अगले दिन मैं अभ्यास पर गया तो मैं बॉल को हिट नहीं कर पा रहा था तो समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ ये सब हो क्या रहा है तो उस समय मेरा ध्यान घर की तरफ जा रहा था कि पता नहीं घर में माँ और बहन कैसे होंगे
पर उस समय था कि मुझे काफी मजबूत रहना था वरना मेरी फॅमिली भी सही नहीं रहती अगर मैं कमज़ोर हुआ होता तो मैंने सोचा कि मुझे अब एक जिम्मेवार बनना ही पड़ेगा चाहे कुछ भी हो जाए तो मैं गया मैच में हालांकि बीच बीच में थोड़ा हो रहा था किन्तु मेरी कोशिश थी कि इसका प्रभाव मेरी परफॉरमेंस पर न पड़े
2017 आईपीएल में एक तरफ ऋषभ के पिता जी का निधन हुआ था और दूसरी तरफ उन्हें खेलना भी था तो उन्होंने काफी साहस रखते हुए खेला और शानदार शतक भी बनाया सभी ने ऋषभ के इस कदम को क्रिकेट के प्रति उनका प्रेम बताया
Rishabh pant life story of IPL:
6 फरवरी 2016 को आईपीएल टीम दिल्ली डेयर डेविल्स ने ऋषभ पंत को 1.9 करोड़ में खरीदा था Under-19 खेलते हुए जब पहली बार ऋषब पंत की मुलाकात राहुल द्रविड़ से हुई तो ऋषभ के बाकी खिलाड़ी दोस्त द्रविड़ के साथ सेल्फी खींचने को काफी उत्साहित थे किन्तु ऋषभ ने कहा कि जब तक वो अपना पहला शतक पूरा नहीं कर लेते तब तक कोई सेल्फी नहीं और Under-19 वर्ल्ड कप में ऋषभ ने अपना शतक पूरा किया और राहुल द्रविड़ से मिलकर सेल्फी भी ली
ऋषभ महेंद्र सिंह धोनी को अपनी हर समस्या का समाधान मानते हैं तो ऋषभ का कहना है कि जब भी कोई दिक्क्त या परेशानी उनको आती है तो वह धोनी के पास जाते है और उनकी सहायता लेते है ऋषभ का पहला डेब्यू 22 अक्टूबर 2015 को हुआ था जब वो रणजी ट्रॉफी खेले थे करियर को एक लम्बी उड़ान तब मिली जब वह U-19 क्रिकेट दिल्ली की तरफ से आसाम के खिलाफ खेल रहे थे
ऋषभ पंत इंडिया के लिए खेलने वाले सबसे पहले युवा खिलाड़ी हैं उनहोने अपना पहला मैच 18 की उम्र में खेला था ऋषभ ने U-19 वर्ल्ड कप 2016 में सबसे तेज अर्धशतक (18 गेंदों में ) लगाने का रिकॉर्ड बनाया है ऋषभ का कहना है कि हार्दिक पांड्या एक बहुत ही अच्छे खिलाड़ी है और काफी कुछ सिखने को उनसे मिलता है
(नोट : अन्य जानकारी अभी एकत्रित की जा रही है )दोस्तों यह Rishabh Pant lifes tory आर्टिकल, इसका main मकशद कलाकारों का struggle और मेहनत आपको बता कर प्रेरणा से प्रेरित करना है