Nael mazari

आज की प्रेरणात्मक और एक सच्ची कहानी ,कहानी तो नही यूँ कहो जिंदगी का एक पहलू आपको आपके होने के अस्तित्व पर सवाल जरूर उठाएगी
क्योंकि यह एक ऐसी जांबाज महिला की संघर्षपूर्ण जीवन कहानी है जिसने अपनी ज़िंदगी में वो सब कुछ देखा, महसूस किया जो हम कभी सोच भी नही सकते 

I( मैं)–Muniba Mazari | Muniba Mazari life story

तब मैं 18 वर्ष की थी जब मेरी शादी हुई थी मैं एक रूढ़िवादी परिवार से ताल्लुक रखती थी जंहा एक अच्छी बेटी कभी भी अपने माँ बाप को मना नही कहती हैमेरे पिता जी मेरी शादी करवाना चाहते थे । तो मैने कहा कि अगर आपको इससे खुशी मिलती है तो बेझिझक मै तैयार हूं।बेशक यह एक हैप्पी मैरिज नही थी शादी होने के 2 साल बाद, मेरे और मेरे पति की एक कार दुर्घटना हुई कार खाई में गिर गयी। मेरे पति ने तो कैसे भी करके खुद को बाहर निकाल कर खुद को बचा लिया हालांकि मैं उनके लिए बहुत खुश थी पर उन्होंने मुझे वैसे ही पड़े रहने दिया।

कार हादसे मे क्या हुआ

और मुझे काफी सारी चोटें और दर्द हो रहा था मेरी बाजुएँ fractured(टूट) चुकी थी। कलाई fractured थीShoulder bone, caller bone भी fractured हो गए थे।पूरा ribcage(पंजर) fractured था। और ribcage fractured की वजह से मेरे lungs और liver काफी बुरे तरीके से घायल थे। सांस नही ले पा रही थी मेने urinal bowl control भी खो दिया तभी तो मुझे बैग साथ मे ले जाना पड़ता है।

जंहा भी मैं जाती हूं।पर जिस चोट ने मेरी पूरी जिंदगी हिला दी थी वो थी spinal injury (मेरुदंड) । जो कि मेरी बुरी तरह crushed नष्ट हो गयी थी और मुझे बची जिंदगी के लिए paralyzed बता दिया गया था।यह दुर्घटना एक ऐसी जगह हुई जंहा न कोई amubulance, न कोई first aid और न ही दुर दूर तक कोई hostpital था।लोग मेरे पास आये मुझे कार से निकाला और जब वह मुझे निकाल रहे थे उसके दौरान मेरा spinal cord पूरी तरह damage(नष्ट)हो गया था तो वँहा लोग बातें कर रहे थे कि क्या करे अब? कँहा ले जाना चाहिए?

तो वँहा एक कोने में एक फोर व्हीलर जीप खड़ी हुई थी । तो उन्होंने मुझे उसमे बिठाया और अस्पताल ले गए जो कि 3 घन्टे सफर दूर था वँहा से ।और उन तीन घन्टो के सफर में मेरा शरीर पूरा टूट गया था मेरा आधा शरीर fractured था और आधा paralyzed ।मैं उस अस्पताल में ढाई महीने रही जंहा मेरी काफी प्रकार की surgeries हुई।डॉक्टरों ने मेरी बाजुओं और मेरी पीठ में काफी titanium डाला हुआ है ताकि वह stable रह सके ।इसी कारण मुझे पाकिस्तान के लोग Iron lady of Pakistan कहते हैं।

वह 2-3 महीने अस्पताल में मेरे लिए मरने के समान थे।एक दिन डॉक्टर मेरे पास आये और कहा “मैने सुना कि तुम एक कलाकार बनना चाहती थी परन्तु शादी के वजह से छोड़ दिया था। तो मेरे पास एक बुरी खबर है तुम्हारे लिए।क्योंकि तुम्हारी कलाई पूरी तरह टूट गयी है तुम पेंट ब्रश पकड़ने के काबिल नही हो पाओगी”।तो उस समय मे बिल्कुल शांत रही।अगले दिन डॉक्टर फिर मेरे पास आये और कहा कि “क्योंकि तुम्हारी spine injury की हालत बहुत खराब है तो तुम फिर सब चलने में असमर्थ हो जाओगी“मैने लंबी सांस ली और कहा ठीक है।

फिर एक दो दिन बाद फिर डॉक्टर मेरे पास आये और कहा ” क्योंकि तुम्हारी spine injury और back की हालत बहुत दहनीय है तो तुम कभी भी बच्चे को जन्म नही दे सकती”
उस दिन मैं पूरी तरह नष्ट हो गयी थी उस समय मेरे दिमाग मे यह सवाल उठने लगे कि मैं ज़िंदा ही क्यों हूँ।
क्योंकि एक औरत होने के नाते हमारे दिमाग मे यह चीज़ होती है कि हम बिना बच्चे के हमारी जिंदगी में अधूरे हैं।
तो उस समय मेरी माँ ने मुझसे कहा कि ” यह समय बहुत छोटा है जल्दी गुज़रने को , ईश्वर अल्लाह ने तुम्हारे लिए कुछ बहुत बड़ा plan किया है”

अपने सपनो को कभी भी मरने नही देना चाहिए

तो वह शब्द मेरे लिए बहुत जादूगरी थे उस समय मैने महसूस किया कि शब्दों में soul/आत्मा को Heal करने की power होती है।मै काफी थक गई थी उस अस्पताल की दीवारों को ताकते हुए और वह सफेद कपड़े पहनते हुए मै अपनी ज़िंदगी मे और रंग भरना चाहती थी तो मैने अपने भाइयों को बोला कि मेरे लिए एक canavas लाओ रंग लाओ मै पाई painting करना चाहती हूं तो में वह शुरू करने लग गयी यह सिर्फ कोई कला नही थी बल्कि मेरे लिए एक थेरेपी का काम भी कर रही थी

तो फिर मैं अस्पताल से निकासित / discharge हो गयी क्योंकि मैने अपनी back में काफी pressure डाल दिया था तो में बैठने में सक्षम नही हो रही थी तो डॉक्टर ने मुझे सलाह दी थी कि मुझे सीधे लेटे रहना हैतो न सिर्फ 6 महीने और न ही एक साल , मै पूरे 2 साल bed पर लेटी रही ।तो उस परिस्थिति में मैने एहसास किया कि लोग कितने खुश किस्मत होते हैं पर उन्हें इस बात का एहसास नही होता है

जब 2साल बाद मैं wheelchair के बैठने योग्य हुई तब वह मेरे लिए दूसरे जन्म के बराबर था तो जब मुझे आभास हुआ कि मुझे सारी ज़िन्दगी व्हीलचेयर पर बैठना है तो मै अपने आप से सवाल करने लग गयी कि मैं किसी कोने में बैठ कर रोने वाली नही और न ही किसी चमत्कार का इंतजार करने वाली।मुझे खुद को स्वीकार करना ही है जैसे भी मै हूँ। तो उस दिन से मैने तय किया कि मै यह ज़िंदगी खुद के लिए जीऊंगी।

साहस , हिम्मत और सहनशक्ति सब आ जाता है मेरे दोस्त,इंसान की मजबूरियाँ बढ़ जाती है जिस रोज़

उस दिन से मैने निर्णय लिया कि मैं अपने सारे डर से जीतूंगी।
तो मेरा सबसे बड़ा डर था divorce क्योंकि मैं उस व्यक्ति के लिए इतना सोच रही थी जिसे मै अपनी ज़िंदगी में बिल्कुल भी नही चाहिये थी।
और मैने फिर खुद को emotionally बड़ा मजबूत बनाया
तो जब मुझे पता चला कि वह दूसरी शादी करने जा रहा है
तो मैने उसे एक मैसेज भेजा कि मै तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं।
और मेरा दूसरा बड़ा डर था कि मैं कभी माँ नही बन सकती थी जो कि मेरे लिए बहुत दिल दहलाने वाली स्थिति थी
परन्तु जब मुझे एहसास हुआ कि दुनिया मे बहुत सारे बच्चे हैं जिनको सिर्फ हमारा स्वीकार चाहिए होता है तो मैने एक बच्चा adopt कर लिया

तो मैंने बहुत सारी organisations में अपना नाम दिया था कि मुझे एक बच्चा adopt करना है।पर मैने यह उल्लेख नही किया था कि मैं एक wheelchair पर हूँ जो कि बच्चे के लिए मर रही है2साल बाद मुझे एक कॉल आया और उन्होंने बताया कि हमारे यंहा एक बच्चा है अगर आपकी रुचि है तो बताएंतो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हुई और वँहा गयी जैसे ही मैं वँहा पहुंची मै अपनी चेयर पे बेठी थी तो उन्होंने मुझे सिर पैर तक देखा तो मैने सोचा कि यह सोच रहे होंगे कि मुझसे इस बच्चे की देखभाल नही होगी।तो मैंने उन्हें कहा कि कृप्या मुझे मेरी दशा देख कर न निर्णय लें।

तो उन्होंने कहा “नहीं नहीं ऐसा नही है हालांकि आप इसके लिए best mother होंगी”तो उस दिन मुझे बहुत प्रसन्नता हुई।मेरा दूसरा बड़ा डर था लोगों को face करना उनका सामना करना।तो मैने सोचा कि अगर मैं कोई शुरू करूंगी disability के लिए तो लोगों की मदद सही मायने में नही कर पाउंगी तो मैने public में ज्यादा appear होना शुरू किया तो मैने पेंटिंग शुरू की और बड़े कला प्रदर्शन में हिस्सा लेना शुरू किया।

बड़े बड़े modeling campaign किये बड़ी बड़ी जानी मानी और विख्यात कंपनियों के लिये।फिर मैंने तय किया कि मैं पाकिस्तान के national tv में बतौर होस्ट काम करूंगी।तो उसके बाद मैंने काफी शो किये।तब मैंने यह एहसास किया कि जब आप अपने आप को जैसे हो वैसे स्वीकार करते हो पूरा देश आपको और आपके काम को जानने लगता है फिर मैं UN women पाकिस्तान की National Goodwill ambassador बनी। मैं फिर 2015 में BBC hundered women में फीचर भी हुई थी।

हमेशा याद रखें कि आपकी पूरी journey /सफर में आप अकेले कभी नही होते कोई न कोई आपका अपना हमेशा आपके पीछे खड़ा हुआ होता है हो सकता है सामने न हो परन्तु पीछे आपके लिए pray कर रहा होता है
ज़िन्दगी में रोना , डरना सबकुछ सही है चल पड़ता है परन्तु हार मानना / giving up कोई option नही होना चाहिए।
बहुत कहते है कि failure कोई option नहीं होता हालांकि फेलियर एक option होना चाहिए क्योंकि जब आप fail होते हो गिरते हो तभी उठते हो जो कि आपको आगे चलाता है।

वह मुझे disabled बुलाते हैं और मैं खुद को diffrently abled बुलाती हूँ वह मेरी disability देखते हैं पर मै खुद की ablity देखती हूँ।

Muniba Mazari life story का संक्षिप्त परिचय

  • Muniba Mazari Baloch(3मार्च 1987)
  • पकिस्तान
  • Iron lady of pakistan से जानी जाती है
  • Activist, Anchor, Painting Artist,Modal, singer और एक motivational speaker हैं
  • ज्यादातर उनका कैरियर  बतौर painting artist और motivational speaker रहा है
  • दुर्घटना के काफी बाद में उन्होंने एक बच्चा adopt किया जिसका नाम है Nael Mazari
  • “Problems are not too big but we are too small because we can’t handle them” -Muniba mazari

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