Hardik pandya struggle/family/wife/age/career/networth…
आज की जो संघर्ष भरी जीवन कहानी है वो Hardik Pandya life story in hindi मे ऐसे शख्स के बारे में है भारत के लोकप्रिय और बेहतरीन क्रिकेटर में से एक है जिनकी कहानी हर एक उस इंसान से ताल्लुक रखती है जो अपनी कठिनाइयों भरी जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहता है तो चलिए जानते है उनके जीवन के कुछ अनसुने और एहम तथ्यों के बारे।
हार्दिक पांड्या का बचपन
I-मैं-Hardik Pandya
बचपन से ही मैं मैग्गी का बड़ा फैन था फैन भी और मेरी स्थिति भी कुछ ऐसी ही थी उस समय कि मैं एक अच्छी डाइट जुटा नही सकता था क्योंकि आर्थिक स्थिति कुछ ठीक सी नही थी तो जब जूनियर लेवल और घरेलू क्रिकेट खेलता था तो ग्राउंड में जाने से पहले भी मैग्गी ही खाता था और जब वापिस घर आता था तो भी मैग्गी ही खाता था ।
मेरा और मेरे भाई का शुरू से ही जिंदगी में एक अशूल था कि किसी से भी दया भावना नही लेनी अच्छा कर रहे हो तो भी मजबूत बनना है और बुरा कर रहे हो तो भी।
हमने एक बड़ी कार ले तो ली थी किन्तु उसकी किस्तो को देने के लिए काफी ज्यादा संघर्ष हमे करना पड़ा फिर क्रिकेट के लिए एक किट भी BCA से ली थी और लोग सोचते थे कि इनके पास तो सब कुछ है पर हमारी स्थिति का केवल हम ही जानते थे तो हमारे घर के इकलौते कमाने वाले मेरे पापा ही थे और जितना कमाते थे हम लोग उतना ही खर्च कर देते थे हालांकि उससे ज्यादा ही।
एक दिन अचानक पापा को हार्ट अटैक आया वो भी एक ही रात में दो बार फिर 6 महीनो के बाद उन्हें फिर से आया जो कि बहुत खतरनाक था वो तो शुक्र है हमने समय से हॉस्पिटल पहुंचा दिया था तो फिर ऐसे में पापा का वापिस काम करना मुश्किल था और उसी समय हमने कार भी ली थी खुद हमने कभी भी एक रुपये तक जमा नही किया हुआ था ऊपर से कार की किस्तें भी देनी थी खुदका हमारा कोई कमाई का स्त्रोत नहीं था एक जूनियर लेवल के क्रिकेटर के तौर पर हम 40 हजार साल का कमाते थे जो कि सारा कार की किस्तों में चला जाता था क्योंकि कार की क़िस्त 10 हज़ार महीना हुआ करती थी गली गांव में क्रिकेट खेलते थे मेरा भाई क्रुणाल खेलने का 500 रुपये लेता था और मैं 400 रुपये तो ऐसे ऐसे करके हमने किस्तें देना शुरू किया जब भी क्रिकेट खेलने के लिए जाते थे तो कार में ही जाते थे तो पेट्रोल का खर्चा भी बहुत होता था तो हम क्या करते थे कि अपनी कार पेट्रोल पंप नही ले जाते थे लगता था कि वो बोलेंगे कि कार इतनी बड़ी और पेट्रोल के लिए पैसे नही है तो हम एक बोतल 100रु का पेट्रोल लाकर खुद ही कार में भरते थे और ऐसी जगह जंहा कोई हमे देख न रहा हो और ये कहानी IPL के 6 महीने पहले की है।
हार्दिक पांड्या के भाई | Hardik pandya brother
मेरा भाई मेरा अभिमान :-
मैं अपने भाई के बहुत क्लोज हूँ हालांकि सभी भाइयो का एक अच्छा रिश्ता होता है किंतु मेरा और मेरे भाई का कुछ अलग ही मुझे लगता है क्योंकि जब भी मेरा भाई मेरे आसपास नही होता है तो मुझे एक अधूरापन से लगता है जब भी कभी मैं सफर करके आता हूँ और अपने भाई को काफी समय बाद देखता हूँ तो बहुत ही स्पेशल महसूस मुझे होता है क्योंकि मेरे जिंदगी का हर भाग मेरे भाई से ही जुड़ा हुआ है।
स्ट्रगल के दिनों में हम पांच दोस्तों का एक व्हाट्सअप ग्रुप हुआ करता था Legends In Making के नाम से, उसमे सब क्रिकेट खेलने वाले थे और सभी ही वडोदरा से ही थे सागर, धीरेन, गगन, मेरा भाई और मैं हालांकि वो सभी मेरे भाई के ही दोस्त थे फिर मेरे बने और भाई मुझे यह कहकर तंग करता था कि जो तेरे दोस्त होंगे वो भी पहले मेरे ही होंगे क्योंकि मेरे ज्यादा दोस्त नहीं थे।
आईपीएल ने मेरी जिंदगी बदल दी
आईपीएल से पहले हमने T20 रणजी ट्रॉफी जीती थी और मुझे और मेरे भाई को 70-70 हजार रुपये मिले थे तो हमने एक दूसरे को बोला कि चलो अब आगे का कुछ समय इससे निकल जायेगा क्योंकि हम पिछले 3 सालों से एक एक रुपये के लिए कठोर परिश्रम करते आ रहे थे और 2 सालों से कार की किस्तें भी नही भरी थी तो जो भी इन 3 सालों में ने कमाया था वो सब किस्तो में ही जाता था अपने लिए कुछ नया या जरूरी सामान खरीदने के बजाए।
और फिर भगवान की दया से आईपीएल के पहले साल ही जब मैंने अपनी टीम मुम्बई इंडियंस के लिए खेला और जीता तो मुझे 50 लाख का चेक मिला उससे कार की किस्तें तो सारी भर दी बल्कि मैंने एक और नई कार भी ले ली तो तब मुझे हैरत हुई थी कि केवल 3 महीनो में मेरी जिंदगी क्या से क्या हो गयी क्योंकि आईपीएल के 3 महीने पहले हम संघर्ष ही करते आ रहे थे और सबसे ज्यादा पहचान मुझे तब मिली थी जब CSK वाले मैच में हमारी टीम को 2 ओवर में 32 रन बनाने थे और मैंने जाके 3 छक्के ही मार दिए तो उसके बाद से ही मैं लोगों की नजर में छा गया।
Hardik Pandya life story in hindi का संक्षिप्त ब्यौरा
हार्दिक हिमांशु पंड्या
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर, ऑल राउंडर
बल्लेबाजी : दाएं हाथ से
गेंदबाजी : दाएं हाथ से तेज मध्यम
जन्म : 11 अक्टूबर 1993, सूरत, गुजरात, भारत
पिता जी : हिमांशु पंड्या वास्तव में 2020 में चल बसे।
माता जी : नलिनी पंड्या
हार्दिक पांड्या पत्नी : नताशा स्टेनकोविक
: क्रुणाल पांड्या, भाई वो भी एक भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं
टेस्ट डेब्यू: 26 जुलाई 2017 बनाम श्रीलंका
वनडे डेब्यू: 16 अक्टूबर 2016 बनाम न्यूजीलैंड
टी20ई डेब्यू: 26 जनवरी 2016 बनाम ऑस्ट्रेलिया ।
हार्दिक पांड्या के जीवन के कुछ एहम और अनसुने तथ्यों की जानकारी
- हार्दिक के पापा सूरत में एक छोटा कार फाइनेंस बिजनस चलाते थे जो कि उन्होंने बाद में बंद कर वड़ोदरा शिफ्ट हो गये।
- हार्दिक के पापा ने अपने दोनों बेटों के लिए सबकुछ किया इन्होंने दोनों बेटों को किरण मोर नामक क्रिकेट अकादमी में भी दाखिल करवा लिया था।
- आर्थिक कमियों के कारण हार्दिक और परिवार एक रेंटेड अपार्टमेंट Gorwa में रहते थे 9th क्लास तक हार्दिक M K High स्कूल में पढ़े।
- क्रुणाल के अनुसार, हार्दिक ने काफी तेज उन्नति की अपने जूनियर लेवल क्रिकेट में , काफी मैच भी जीते क्लब क्रिकेट मेंहार्दिक 2013 से बड़ोदरा के लिए खेलते आ रहे है।
- 2013-14 में जब बड़ोदरा ने सईद मुश्ताक़ अली ट्रॉफी जीती थी तो हार्दिक ने उसमे कड़ी परफॉर्मेंस दी थी।
- 2015 में फिर हार्दिक को आईपीएल में मुम्बई इंडियंस के लिए खेलने का मौका मिला और हार्दिक ने अपने परफॉर्मेंस से सबको खुश कर दिया और मैन ऑफ द मैच भी बने।
हार्दिक पांड्या वाइफ
- 1 जनवरी 2020 को हार्दिक नताशा संग शादी के बंधन में बंध गए थे और 30 जुलाई को उन्होंने अपने पहले बच्चे अगस्त्य पांड्या को जन्म दिया।
(नोट : Hardik Pandya life story in hindi मे अन्य जानकारी अभी एकत्रित की जा रही है )
हार्दिक पांड्या वाइफ कौन है?
हार्दिक पांड्या की पत्नी का पूरा नाम है “नतासा स्टेनकोविक “(Natasa Stankovic). 1 जनवरी 2020 को हार्दिक नताशा संग शादी के बंधन में बंध गए थे और 30 जुलाई को उन्होंने अपने पहले बच्चे अगस्त्य पांड्या को जन्म दिया।
हार्दिक पांड्या ने दोबारा शादी क्यों की?
हार्दिक पांड्या ने अपनी पत्नी से दोबारा शादी बस अपने यादगार लम्हों को फिर से जीने के लिए की है।