क्या है आदित्य एल – 1 मिशन?
अदित्य मिशन भारतीय स्पेस सेंटर ISRO द्वारा बनाया गया भारत का पहला सुरज को study करने वाला पहला मिशन है। जिसका उद्देश्य सूर्य के बारे मे रहस्यमयी जानकारी इंडियन स्पेस सेंटर इसरो को देना है। आदित्य का सूर्य की सतह उसकी क्रियाएँ और अन्य जैसे की कौन कौन से तत्व वंहा पाए जाए गैस पदार्थ वगेरा वगेरा के बारे मे अध्ययन करना है
आखिर आदित्य – L 1 नाम ही क्यों?
आपको बता दें कि भारतीय प्राचीन भाषा संस्कृत है और संस्कृत मर सूर्य(sun) को आदित्य कहा जाता है तो इस वजह से इस मिशन का नाम आदित्य रखा गया जो की सूर्य नामक प्रतीक है।
और रही बात L 1 की तो आईये इसके पीछे का अध्ययन कर लेते हैं
L – 1 सूर्य और पृथ्वी के बीच का एक ऐसा मध्यंतर बिंदु है जंहा पर सूर्य और पृथ्वी दोनो का गुरुत्वकर्षण बल बराबर है यानिकी वंहा किसी भी वस्तु को और जगाओं के तुलना मे stable (संतुलन) रखा जा सकता है
और आपको बता दें कि आदित्य अंतरिक्ष के L1 बिंदु पर स्थिर रहेगा और वंहा से ही सूर्य के बारे मे जानकारी एकत्रित कर इसरो को भेजेगा।
अदित्य् L1 की संक्षिप्त जानकारी
रॉकेट का नाम : आदित्य L1 , PSLV- C57
लॉन्च डेट : 2 sep. 2023
लॉन्च स्थान : श्रीहरीकोटा , आंध्र प्रदेश
पहले 16 दिनों तक आदित्य पृथ्वी के orbit मे घूमता रहेगा उसके बाद सूर्य की तरफ जम्प करेगा क्यूंकि न ही यह सूर्य पर लैंड करेगा और ना ही सूर्य के बहुत करीब आने की कोसिस करेगा। सिर्फ तय किया हुआ बिंदु L1 पर रहकर सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करेगा। आपको बता दे की पृथ्वी से L1 तक की कुल दूरी लगभग 1.5 मिलियन किलो मीटर है जो पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी के केवल 1% के बराबर है।